दोस्ती

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aakib javed

मेरे ख़ामोश लबो को पहचान जाता हैं।।
हर सच्चा दोस्त दोस्ती में याद आता हैं।।

खूब परवाह एक दूसरे की करते सभी हैं।।
मुसीबत में सिर्फ दोस्त ही नज़र आता हैं।।

वो साथ बिताये पल भी खूब याद आते हैं।।

स्कूल,कॉलेज हर जगह दोस्त बन जाते थे।।

दोस्तों के टिफ़िन से खूब खाना चुराते थे।।
दोस्त पूछे तो पल भर में ही बाते बनाते थे।।

देख तेरी गर्ल फ्रेंड,ऐसा कह कर चिढ़ाते थे।।
बिन बात किसी को भी वो भाभी बुलाते थे।।

कॉलेज़ से क्लास भी खूब बंक मार जाते थे।।
सब दोस्त मिलके सिनेमा देखने को जाते थे।।

दोस्तों के साथ बिताए हरपल याद आते हैं।।
लोग दोस्तों के बिना ज़िंदगी कैसे बिताते हैं।।

परिचय : 

नाम-. मो.आकिब जावेद
साहित्यिक उपनाम-आकिब
वर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेश
राज्य-उत्तर प्रदेश
शहर-बाँदा
शिक्षा-BCA,MA,BTC
कार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखक
विधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानी
लेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना

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