रिश्ता

0 0
Read Time1 Minute, 26 Second

krishn

पूज्य पिता जी की बाहों में,
जीने का किरदार छिपा हैll

ममतामई माँ के *रिश्ते* में,
अमर प्रेम संसार छिपा हैll

बहिना के राखी धागों में,
पूजा पुण्य प्रणाम छिपा हैll

नमन वंदना करके देखो,
सच में चारों धाम छिपा हैll

पिता-पुत्र के *रिश्ते* में,
साहस त्याग निदान छिपा हैll

माता पुत्री के *रिश्ते* में,
प्रबल प्रेम प्रधान छिपा हैll

पति-पत्नी के भी *रिश्ते* में,
दोनों दिल की चाह छिपी हैll

दादा-दादी के *रिश्ते* में,
दर्द दुआ परवाह छिपी हैll

भाई-भाई में,बहिन-बहिन में,
जीवनभर का प्यार छिपा हैll

नाना-नानी में, मौसा-मौसी,
अति उत्तम उद्गार छिपा है॥

*रिश्ते* सभी सलामत रखना,
*रिश्तों* में परिवार छिपा हैll

*रिश्ते* में आदर अभिनंदन,
मंगल मंगलचार छिपा हैll

कहीं टूट न जाये *रिश्ते* ,
जीवन का आधार छिपा हैll

गंगा-जमुना, मथुरा-काशी,
पावन हरि का द्वार छिपा हैll

*कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज”

दौसा,राजस्थान 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भाषा नीति: ढुलमुल छोड़ मजबूती से आगे बढ़ने की बेला

Mon Jul 1 , 2019
भाषा जीव के मानव बनने की दिशा में प्रथम कदम कहा जा सकता है। आरंभ में संकेतों की भाषा रही होगी जो कालांतर में शब्द संवाद में परिवर्तित हुई। हर परिस्थिति परिवेश एक दूसरे से अपरिचित और भिन्न था इसलिए हर मानव समूह ने अपने ढ़ंग से कुछ शब्द संकेत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।