मौज मनाने,
छुट्टियों में हैं आते
नदी किनारे।
बड़ी सुहानी,
हवा चलती यहाँ
नदी किनारे।
मनमोहक ,
नज़ारा यहाँ होता
नदी किनारे।
मस्त लहर,
आकर टकराती
नदी किनारे।
भीड़ अधिक,
हो जाती है अक्सर
नदी किनारे।
संग पिया के,
सन्ध्या देखने आती
नदी किनारे।
#कल्पना भट्ट
परिचय : पेशे से शिक्षिका श्रीमती कल्पना भट्ट फिलहाल भोपाल (मध्य प्रदेश ) की निवासी हैं। 1966 में आपका जन्म हुआ और आपने अपनी पढ़ाई पुणे यूनिवर्सिटी से 1984 में बी.कॉम. के रुप में की। विवाह उपरांत भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से बी. एड.और एम.ए.(अंग्रेजी) के साथ एलएलबी भी किया है। आप लेखन में शौकिया तरीके से निरंतर सक्रिय हैं।