Read Time2 Minute, 19 Second
हे धरती के देव दिगंबर,
तुम्हे नमन मेरा।
तेरे पद चिन्हों पर गुरुवर,
रहे गमन मेरा।
भारत की चैतन्य धरोहर,
जिन्मुद्रा धारी।
महावीर की महाविरासत,
प्राणों से प्यारी।
जिनशासन जयवंत रहेगा,
चरित लाख तेरा।।
तेरे पद चिन्हों पर गुरुवर,
रहे गमन मेरा।
हे धरती के देव दिगंबर,
तुम्हे नमन मेरा।
चेतन मूलाचार ही हो,
समयसार तुम हो।
कुंद कुंद के नियम निभाते,
नियमसार तुम हो।
आगम चक्षु महासंत के,
चरणों मन मेरा।।
तेरे पद चिन्हों पर गुरुवर,
रहे गमन मेरा।
हे धरती के देव दिगंबर,
तुम्हे नमन मेरा
सम्यदर्शन ज्ञान चरण,
त्रय देव कहते है।
ये तीनो ही सदा आपमें,
शोभा पाते है।
परम धन्य गुरुदेव हमारे,
मई तेरा चेरा।।
तेरे पद चिन्हों पर गुरुवर,
रहे गमन मेरा।
हे धरती के देव दिगंबर,
तुम्हे नमन मेरा।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
Post Views:
526
Thu Jun 20 , 2019
चमकी बुखार का कहर प्रकृति का भी असर तपती धरती बढ़ती गर्मी झूलसते लोग दवा वेअसर। सैकडो मासूमो को, कर रहा शिकार वेवस और लाचार, बन रही है सरकार। कई जिलों में धारा 144 लागू फिर भी नही मौत पर काबू। ऐ चमकी लीची से क्यों इतना प्यार हुआ तेरे […]