सुन कान्हा

0 0
Read Time1 Minute, 56 Second
jaswant
                        जय श्री कृष्णा
भगवान श्री कृष्ण की कृपा से आपके जीवन में प्रेम, सौहार्द और खुशियां बनी रहे । सभी देशवासियों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एव बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
सुन कान्हा , तू फिर से आना
बुलाये  संसार रे ,
कर दे तू , हमारा  बेड़ापार रे ….
माँ धरती कहती है , कान्हा आजा
हो रहा , अत्याचार रे
तू आजा और , करजा बेड़ा पार रे …
सुन कान्हा……….
लड़किया कहती है , कान्हा आजा
हो रहे  , बलात्कार रे ,
तू आके दिखलाजा चमत्कार रे ।।
सुन कान्हा ………
जनता कहती है , कान्हा आजा
हो रहे , अत्याचार रे
तू आके दिलाजा इंसाफ रे
सुन कान्हा……..
माई बाप कहते है कान्हा आजा
हो रहे हम , लाचार रे
तू आके समझा दे हमारा प्यार रे
सुन कान्हा………..
गरीब कहता है कान्हा आजा
हो रहे  , बेरोजगार रे
तू आके दिलाजा रोजगार  रे
सुन कान्हा ………..
नारी कहती है कान्हा आजा
करो ना , अब विचार रे
तू आके दिलाजा राधासा प्यार रे
सुन कान्हा………….
“जसवंत” कहता है कान्हा आजा
करता  सुदामा , जैसी आस रे
तू आके बना दे मुझे  यार रे
सुन कान्हा …………….

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .) 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था 

Mon Sep 3 , 2018
मैंने तो सिर्फ आपसे प्यार करना चाहा था ख़ाहिश-ए-ख़लीक़ इज़हार करना चाहा था धुएँ सी उड़ा दी आरज़ू पल में यार ने मिरि तिरा इस्तिक़बाल शानदार करना चाहा था भले लोगो की बातें समझ न आईं वक़्त पे मैंने तो हर लम्हा जानदार करना चाहा था तिरे काम आ सकूँ इरादा था बस इतना सा तअल्लुक़ आपसे आबदार करना चाहा था इंतिज़ार क्यूँ करें फ़स्ल-ए-बहाराँ सोचकर चमन ये ‘राहत’ खुशबूदार करना चाहा था  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 199

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।