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तुझको तेरा हाल मुबारक
मुझको मेरा हाल मुबारक
तुझको तेरा पिज्जा बर्गर
मुझको रोटी दाल मुबारक
तेरे हर सपने तूफानी
मेरी लंगड़ी चाल मुबारक
तुझको चाकू बल्लम भाले
घोड़े को बस नाल मुबारक
तुझको तेरे झूठे दाने
आखेटक को जाल मुबारक
# दिवाकर पांडेय ‘चित्रगुप्त’
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