ज़रा सम्हाल के……

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saket jain

हम सबमें जज़्बात होते हैं………

हम सबके जज़्बात होते हैं……..

………. होने भी चाहिए क्योंकि यदि जज़्बात न हों तो फिर मानव और मशीन में फर्क ही नहीं रह जायेगा इसलिए जज़्बातों का होना तो बनता है, स्वाभाविक भी है ।

हां पर हमें जज़्बातों में ज़्यादा बहना नहीं चाहिए क्योंकि कहा है न, कि यदि हम जज़्बातों में बह जाएंगे तो वे जज़्बात हमारे लिए स्टेटस बनकर रह जाएंगे और दूसरों के लिए एन्टरटेनमेन्ट ।

अतः मेरा तो यही मानना है कि जज़्बात मतलब कि हमारा दिल व उसकी भावनाएं और जज़्बातों पर काबू रखने वाले अपने दिमाग इन दोनों का बहुत संतुलन होना चाहिए ।

आजकल यदि लोगों के जज़्बातों को देखें तो वे और भी स्वार्थपूर्ण हो गये हैं, यही कारण है कि वे अपने जज़्बातों की कद्र तो चाहते है पर इसके चक्कर में वे कभी-कभी उनके जज़्बातों की भी कद्र नहीं कर पाते जो उन्हें इस दुनिया में लाए, जिन्होंने उन्हें दुनिया में हर कदम पर सम्हाला ।

और इसलिए गहराई से विचार करें कि यह स्वार्थपरता उनके पतन का ही कारण बनती है, उत्थान का नहीं ।

लेकिन यदि हम अपने साथ-साथ अन्यों के जज़्बातों की भी कद्र करने लग जायें तो यकीन मानिये ये समाज अपने आप ही तरक्की की नई ऊँचाईयों को छू लेगा ।

इस प्रसंग में हम और आप कहां खड़े है यह विचार करना आवश्यक है ? हम और आप समाज की इस तरक्की में अपना भरपूर योगदान दें यही मंगल भावना है ।

साकेत जैन शास्त्री ‘सहज’
जयपुर(राजस्थान)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।