दर्द का एहसास 

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ajay ahsas
हर बात पर यूँ आँसू बहाया नहीं जाता ,
हर बात सबको दिल का बताया  नहीं जाता ।
सब घूमते हैं आज साथ में लिए  नमक ,
हर जख्म दिल का सबको दिखाया नहीं जाता ।
हो दर्द सही इश्क का ईनाम तो आता,
खाली ही सही हाथ में वो जाम तो आता।
अब तो लबों पे उसके मेरा नाम आ गया ,
वो बेवफा है सबसे बताया नहीं जाता।
उनको गुमान था न मुझे बाहें मिलेंगी,
पर थाम हाथ मेरे साथ चलेगी
मुझको जगह मिलेगी न उनको गुमान था,
पर मौत की आगोश में मेरा समान था।
मिलते हसीन चेहरे हैं दुनिया की भीड़ में,
दिल का जो हंसी हो वो भुलाया नहीं जाता ।
सब ही बनें हैं दोस्त भले मिलता नहीं मन,
फिर भी सम्हालने को उनका थामा था दामन ।
अक्सर वही ठुकराते जिनका साथ देतें हम,
हमसे भी अब तो साथ निभाया नहीं जाता ।
तेरे प्यार में तो हमने बहुत चोट खाये हैं,
जिसका हिसाब न हो इतने दर्द पाये हैं,
मैं कहता हूं अब खा के तेरे प्यार की कसम,
तेरा नाम बद्दुआ में लिखाया नहीं जाता ।
हम दर्द से भी हाथ मिलाते चले गये,
गम में मिले जो आँसू बहाते चले गये।
हम खुद ही जला करते चिरागों सा दोस्तों,
पर दिल किसी का हमसे जलाया नहीं जाता ।
वादा किये थे आयेंगे महफिल में उनकी हम,
सोचे थे बिगड़ी बात गजल से ही जाये बन
हमको दिये हैं दर्द का कुछ ऐसा वो एहसास ,
अब गीत प्यार का भी तो गाया नहीं जाता ।।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।