. १
लगि चैत माह मने नया सन,
सम्वती मय हर्ष है।
फसले पकें खलिहान हो,
तब ही सखे नव वर्ष है।
परिणाम की,जब आस मे बटु,
धारता उतकर्ष है।
मम कामना मन भावना यह,
पर्व हो प्रतिवर्ष है।
. २
नव वर्ष हो शुभ आपको यह,
कामना मन में करें।
सबका सरे शुभ काम जो बस,
भावना मन में भरे।
करलें धरा हित वीर पावन,
कर्म मानव धर्म रे।
अपना भला,जग का भला यह,
सोचना सब ही तरे।
. ३
वरदान दो भगवान जी जग,
शांति का अरमान हो।
मनुजात हो सब ही सुखी हर,
जीव का शुभ मान हो।
करतार हे प्रभु दीन मैं तुम,
दीन बंधु प्रमान हो।
मम अर्ज है, तव फर्ज है जन,
विश्व के,शुभ गान हो।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः