बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।

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 ajay ahsas
बदले है भेष और करते हैं द्वेष,
मगर आते ही चुनाव बढ़ जाता परफेक्शन है।
आशीष जो देते नही छूने लगे हैं पैर,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
जनता की जेब खाली उनकी गाड़ी ए०सी० वाली,
एकाउन्ट में इनके तो अरबों का कलेक्शन है।
मरने के बाद यमराज को भी देंगे घूस,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
कुछ बदले पार्टी प्रत्याशी कुछ बदल रहे,
गलतियों का अच्छी तरह करते करेक्शन हैं।
टिकट नही मिलता देख कूदते यहां से वहां,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
जाति,धर्म,क्षेत्र वाला वायरस फैलाते रहे,
इनके तो खून में इन्हीं का इन्फेक्शन है।
सामने से जोड़ें हाथ किन्तु पीछे मारें लात,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
वोट देकर आते समय सोचते रहे है सदा,
वोट दिया जिसको वो बेस्ट सेलेक्शन है।
आज बना घातक वही आपकी स्वतन्त्रता में,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
आज यहां बोले कुछ कल वहां बोले कुछ,
चलती हवाएं जैसे बदलें डाइरेक्शन है।
खुद रहें अर्श पर जनता रहे फर्श पर,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
खुद खाएं जन धन मजबूत करें तन,
आपके खाने से हमें न आब्जेक्शन है।
खा गये सड़क पुल लैट्रिन बचा नही,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
झूठ मक्कारी करते बेइमानी चापलूसी,
कपड़े सफेद पहने इनका एक सेक्शन है।
आपको नही दिये कुछ आपका ही ले लिए,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
खुद बनें नंगे देखो दंगे कराते रहे,
गुण्डे माफियाओं से ही इनका कनेक्शन है।
सही न चुनाव लड़े लड़ जाये तो न जीते,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
नही अच्छे विचार करते हैं भ्रष्टाचार,
इनके पैदा होने में ही हो गया करप्शन है।
घड़ियाली आंसू पोछ जनता को रहें नोच,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
खुद से ही बोध करें वैज्ञानिक शोध करें,
इनसे बचाने का न कोई इंजेक्शन है।
कल के लफंगे लुच्चे बन जाते बड़े मन्त्री,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।
करो एहसास याद इनके कुकर्मों को,
ऐसे प्रत्याशियों का करना रिजेक्शन है।
झूठ झूठ झूठ बस झूठ जिनकी है नींव,
बुरा मत मानिए कि देखिए इलेक्शन है।।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।