लेखिका संस्थान के होली मिलन समारोह में कविताओं की पिचकारी के साथ अबीर गुलाल से हुआ माहौल रंगीन

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जयपुर।
राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान तिलक नगर में होली मिलन समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसमें अध्यक्ष डॉ. जयश्री शर्मा ,उपाध्यक्ष डॉ. रेखा गुप्ता, सह सचिव रेनू शब्द मुखर, प्रबंध निदेशक सुधीर उपाध्याय, सचिव डॉ०सुषमा शर्मा ने सभी को स्नेह का रंग-गुलाल लगाकर भाव भीना स्वागत किया। तत्पश्चात शब्दों की भाव भरी बौछारें चला कर सभी ने एक दूसरे को अपनी अनुभूतियों से सिक्त किया।
कार्यक्रम की शुरुआत शिवानी शर्मा की सरस्वती गायन से आरंभ होकर कविताओं के दौर चला जिसमें अध्यक्ष डॉ जयश्री शर्मा ने ‘आवारा मौत’ अध्यक्ष रेखा गुप्ता ने ‘पुलवामा शहीदों को नमन करते हुए सह सचिव शब्द मुखर ने ‘होली मुफीद हो जाए’ कविता सुनाकर समा बांध दिया ।
बसंत की अंगड़ाई, मौसमी फूल,और पछुआ हवा,फागुन का एहसास कराने वाली, नारी महात्मय, जिंदगी आदि विभिन्न विषयों पर भाग्यम शर्मा, ज्योत्सना सक्सेना,संगीता माथुर, कल्पना गोयल, हिमाद्री वर्मा, नूतन गुप्ता,स्नेहप्रभा जी, विजय लक्ष्मी,आरती भदोरिया, शिवानी शर्मा, संगीता गुप्ता, यशोधरा जगावत, मृदुल वार्ष्णेय,डॉ०जगावत ,सुषमा शर्मा, कमलेश माथुर, अर्चना सिंह, सुनीता विश्नोलिया,संगीता व्यास,अर्चना माथुर, कृष्णा रावत,अनूप सेठी, सुशीला शर्मा ने अपनी अनुभूतियों को कविता में ढालकर सबके सामने प्रस्तुत कर होली त्योहार की ऊर्जा और स्पंदन को प्रकट किया ।
अंत में संस्थान के प्रबंध निदेशक सुधीर उपाध्याय ने सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रमुख त्योहारों और उत्सव पर हमारे संस्थान के सदस्यों का इकट्ठा हो सक्रियता दिखाना, हास -परिहास, साहित्य पर चर्चा, काव्य गोष्ठी और अंत में हिल- मिलकर पकवानों का लुफ्त उठाना आज के व्यस्त जीवन में तनाव कम कर आपसी प्रेम,समझ को विकसित करने का सर्वोत्तम जरिया है।
अक्षिणी भटनागर ने हास-परिहास करते हुए शानदार मंच संचालन किया।
*रेनू शर्मा शब्दमुखर*
*सह सचिव राज०लेखिका साहित्य संस्थान जयपुर*।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।