प्रियंका नहीं आंधी है  दूसरी इंदिरा गांधी है

0 0
Read Time9 Minute, 37 Second
gopal narsan
 भारतीय जनता पार्टी को उसी की भाषा में और उसी अंदाज में जवाब देने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में  140 किलोमीटर लंबी तीन दिवसीय गंगा बोट यात्रा संपन्न की है ।इस यात्रा के तहत प्रियंका गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र बनारस भी गई। उन्होंने वहां याद दिलाया कि  एक प्रत्याशी के रूप में नरेंद्र मोदी ने सन 2014 में स्वयं को गंगा का बेटा बताते हुए बनारस की कायाकल्प करने का आश्वासन दिया था। इसी भरोसे बनारस की जनता ने उन्हें जिता कर लोकसभा भेजा और इसी के  बलबूते  वे   प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल  पूरा कर पाए ।लेकिन जनता से किए गए वायदे अधूरा ही रह गए।न गंगा साफ हुई और ना ही बनारस का उद्धार हो पाया। स्वयं को  केवल भाषणों से आगे न बढ़ा पाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रियंका गांधी ने  उन्हीं के गढ़ में चुनौती दी है। प्रियंका गांधी ने  कांग्रेस की मुस्लिम परस्ती की छवि को तोड़ते हुए  अपनी इस यात्रा के दौरान स्वयं को गंगा की बेटी बताया  और वे  उस क्षेत्र की जनता के साथ न सिर्फ घुली मिली  बल्कि मन्दिरो और दरगाहो में जाकर  मत्था भी टेका । इस दौरान प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को सवालों के कटघरे में भी खड़ा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि स्वयं को चौकीदार बताने वाले भाजपाई भूल रहे हैं ,चौकीदार की आवश्यकता  अमीरों को होती है ,गरीबों को नहीं। उन्होंने भाजपा पर देश मे नफरत व विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसी धर्म निरपेक्षता के आधार पर  सबको साथ लेकर चलती है। प्रियंका गांधी की यात्रा का लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया, साथ ही  कुछ कट्टरपंथी लोगों ने उन पर हिंदू ना होने का आरोप लगाते हुए विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करने पर भी रोक लगाने की मांग उठाई। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया और प्रियंका गांधी की यह यात्रा निरविघ्न रूप में संपन्न हो गई। प्रियंका गांधी ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सुशासन न देने, कृषि का विकास न होने व आर्थिक संकट  बढ़ाने, चुनावी वायदे के अनुरूप दो करोड़ युवाओं को रोजगार ना देने, महिलाओं की सुरक्षा न कर पाने और नोट बंदी के नाम पर आम जनता के हितों के साथ खिलवाड़ करने  ,जीएसटी के तहत व्यापार ठप्प कर देने तथा पूंजी पतियों को फायदा पहुंचाने जैसे आरोप लगाए। शक्ल सूरत और चाल ढाल में अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के अनुरूप दिखाई देने वाली प्रियंका गांधी को देख कर लोगों ने यही कहा, प्रियंका नहीं, आंधी है ,दूसरी इंदिरा गांधी है। उनकी इस यात्रा का कांग्रेस को कितना फायदा मिलेगा? यह तो चुनाव के परिणाम बताएंगे। लेकिन  इतना अवश्य है प्रियंका गांधी ने उक्त गंगा यात्रा के 140 किलोमीटर के क्षेत्र में  जहां कांग्रेस की जमीन बंजर थी ,वहां फसल बोने की गुंजाइश  पैदा कर दी है। जो कांग्रेस के लिए  संजीवनी सिद्ध हो सकती है। इससे पूर्व राहुल गांधी की उत्तराखंड में हुई सफल रैली और राफेल तथा अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की आक्रामक  कार्य शैली के चलते देशभर में यह संदेश जरूर गया है कि यह लोकसभा चुनाव  सिर्फ और सिर्फ भाजपा बनाम कांग्रेस है। बाकी क्षेत्रीय पार्टियां चाहे वह भाजपा की समर्थक हो या फिर कांग्रेस की केवल सहयोगी हो सकती हैं निर्णायक नहीं। उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार समाजवादी पार्टी ने बसपा व लोकदल साथ मिलकर  गठबंधन किया है और कांग्रेस उससेबाहर है।इसका फायदा भी  कांग्रेस को ही मिलेगा ,क्योंकि देश की जनता जानती है कि अगर केंद्र में मोदी सरकार का विकल्प ढूंढना है तो वह केवल कांग्रेसी हो सकती है, कोई और दल नहीं। इसी कारण उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के बढ़ते प्रभाव और मोदी सरकार के प्रति अन्तोष के फायदे कांग्रेस को ही मिलेंगे। अब देखना यह है कि यह दूसरी इंदिरा गांधी  इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कितनी सफलता दिला पाती है। लेकिन इतना जरूर है कि  इस बार यदि मोदी को बहुमत नहीं मिलता और कांग्रेसी बहुमत के निकट पहुंचती है तो अन्य धर्मनिरपेक्ष दल कांग्रेस के साथ आकर गैर भाजपा सरकार बनाने का सपना साकार कर सकते हैं। फिलहाल तो कहां से कौन लड़ेगा और चुनाव प्रचार कैसे किया जाए इसी पर विचार हो रहा है, साथ ही  आगे की रणनीति क्या होगी?इसी पर  राजनीतिक पार्टियां विचार मंथन करने में लगी है। परंतु इतना तय है कि जो पार्टी भी  किसान, मजदूरों ,वंचितो ,असहायों  के लिए उनके  उत्थान का वायदा करेगी, वहीं पार्टी अब देश पर राज करेगी। पूंजी पतियों को फायदा पहुंचाने वाले अब ज्यादा दिन चलने वाले नहीं है और उनकी विदाई तय है। जिसमें आखरी कील ठोकने का काम प्रियंका गांधी के हाथों हो सकता है
#श्रीगोपाल नारसन
परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका निवास जनपद हरिद्वार(उत्तराखंड राज्य) स्थित गणेशपुर रुड़की के गीतांजलि विहार में हैl आपने कला व विधि में स्नातक के साथ ही पत्रकारिता की शिक्षा भी ली है,तो डिप्लोमा,विद्या वाचस्पति मानद सहित विद्यासागर मानद भी हासिल है। वकालत आपका व्यवसाय है और राज्य उपभोक्ता आयोग से जुड़े हुए हैंl लेखन के चलते आपकी हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें १२-नया विकास,चैक पोस्ट, मीडिया को फांसी दो,प्रवास और तिनका-तिनका संघर्ष आदि हैंl कुछ किताबें प्रकाशन की प्रक्रिया में हैंl सेवाकार्य में ख़ास तौर से उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए २५ वर्ष से उपभोक्ता जागरूकता अभियान जारी है,जिसके तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविरों में निःशुल्क रूप से उपभोक्ता कानून की जानकारी देते हैंl आपने चरित्र निर्माण शिविरों का वर्षों तक संचालन किया है तो,पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वास के विरूद्ध लेखन के साथ-साथ साक्षरता,शिक्षा व समग्र विकास का चिंतन लेखन भी जारी हैl राज्य स्तर पर मास्टर खिलाड़ी के रुप में पैदल चाल में २००३ में स्वर्ण पदक विजेता,दौड़ में कांस्य पदक तथा नेशनल मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप सहित नेशनल स्वीमिंग चैम्पियनशिप में भी भागीदारी रही है। श्री नारसन को सम्मान के रूप में राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ.आम्बेडकर नेशनल फैलोशिप,प्रेरक व्यक्तित्व सम्मान के साथ भी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर(बिहार) द्वारा भारत गौरव

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

स्नेह पगी पाती

Fri Mar 22 , 2019
दोस्तो, यह पत्र मैंने उन बच्चों के लिए लिखा था जिनको मैं साकेत इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाया करता था । जब मैं वहाँ से लौटा तो यह पत्र उनके लिए मेरी तरफ से एक भेंट भर थी पर आज यह भेंट मैं सावर्जनिक कर रहा हूँ, तो आइए पढ़ते हैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।