मन फितरत आशीष ईमान की।
यह हसरत है आज इंसान की।
कर कुदरत को मुक्त हैवान से।
हजरत सब है रिक्त दीवान से।
अरि दल मन से है बईमान येे।
सच सच कहता गीत ले मान ये।
सरहद पर सेना खड़ी भारती।
हर मजहब की आज ये आरती।
यह विनय सभी भारती कीजिए।
वतन हित यही गीत गा लीजिए।
अब जब यह सीमा सजे शान से।
जन गण मन माँ भारती मान से।
जब सिर उठता शान आवाम में।
तन मन धन को वार दो नाम में।
अब रिपुदल की हार संहार हो।
सरहद पर ही शीश शृंगार हो।
अब अमन तिरंगा रहे शान से।
यह चमन सजे भारती मान से।
बुलबुल कहती गीत जो तान से।
हलधर भरता पेट जो धान से।
जनहित हम भी काम को मान दे।
नव कलरव संगीत सम्मान दें।
परहित अपने काज आगाज हों।
जन मन सब संगी न नाशाज हो।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः