ये तो प्यार है दिल का इसे अनबन नही कहते

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aakib javed
मोह मोह के बंधन है,इसे दर्पण
नही कहते
दिल में जो अपनापन है,उसे अनबन
नही कहते
तुम जो आज रूठे रूठे से लगते हो
अब हमसे
ये तो प्यार है दिल का इसे अनबन
नही कहते
बादल घने है अब ये आसमानो में
लेकिन
समय से अगर ना बरसे उसे सावन
नही कहते
खिलखिलाहट चेहरे में उनके सदा
बनी रहती
पलभर में जो मुरझा जाये उसे यौवन
नही कहते
फूलो की खुश्बू वो आती गुलशन
में महक
वीरानी फ़ैली हो अगर उसे उपवन
नही कहते
उलझनों में घिरा हुआ,मुश्किलो में
फंसा हुआ
जो कभी साथ ना दे उसे अपनापन
नही कहते
तपकर आग में यूँ जब भी निकाला जाता
है सोना।
दर्द के बदले आकिब”निखार आये उसे
तड़पन नही कहते।।

 परिचय : 

नाम-. मो.आकिब जावेद
साहित्यिक उपनाम-आकिब
वर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेश
राज्य-उत्तर प्रदेश
शहर-बाँदा
शिक्षा-BCA,MA,BTC
कार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखक
विधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानी
लेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।