सभी से है निवेदन ये,
हमारी मान लो भैया।
मिलेगा दूध घी नीका,
घरों में पाल लो गैया।
गुजारा गाय के संगत,
हमारा भी सही रहना।
गऊ तो मातु होती हैं,
करें सम्मान है कहना।
दशा देखो जरा गाएँ,
सरे राहों विचरती है।
लगे ऐसे कि ये गायें,
हमारी राह तकती हैं।
बचालो गाय माता को,
पुरानी रीति निभ जाए।
नई पीढ़ी हमारी को,
सही घी दूध मिल पाए।
भला होगा हमारा भी,
बचेगी गाय की थाती।
रहेंगे गीत संस्कृति के,
पुरानी रीत यह पाती।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः