प्रेरणा परिवार काव्य गोष्ठी

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हिसार.नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की फरवरी माह की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क मे संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ की अध्यक्षता में आयोजित की बतौर मुख्य अतिथि विद्युत से सेवानिवृत्त एससी सतपाल शर्मा उपस्थित रहे। कुशल मन्च संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया ।
महेंद्र गोयल छानीवाला ने अपनी रचना यूं सुनाई..
हर बजट दे जाता, महंगाई की मार।
जनता की कमर बनी,पीसा की मीनार।
कवि अशोक कुमार “बंधु”की कविता ये थी,
लगता है ये पूंजीवादी सिस्टम झुठा,उस किताब की तरह।
जो लड़वाता जाता है लोगों को,आपस में दुश्मन की तरह।।
मास्टर मनीम”राजली”की रचना देखिए
जिंदगी में हम केवल व्यावहारिक हो गए हैं।
मशीन बन गए हैं हम सब, इंसान जाने कहां खो गए हैं।।
सरदानन्द राजली की पंक्ति ये थी,
जंग न होने देंगे,जंग न होने देंगे।
आपसी भाईचारा कम न होने देंगे।।
सत्यपाल शर्मा ने कहा-
है शहिदों की बदौलत देश की दीवालियां।
ये दीए जलते रहें वे बझे थे इसलिए।।
जयभगवान लाडवाल ने अपनी रचना ऐसे सुनाई
कपड़ा निखरता है धोने के बाद,
आदमी के गुणों का पता चलता है खोने के बाद।
इस अवसर पर राजकुमार शर्मा,प्रेम ठकराल,दीपक जांगड़ा, रमेश कुमार तलुजा, जयसिंह रावत, सुरेन्द्र सागर ने भी अपनी कविता सुनाई।

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जीवन की खुशी कही खो गई तुम्हारे चले जाने से, अब तो ये दिन भी नही गुजरता तुम्हारे चले जाने से, तुम्हे देखने और मिलने को तरस जाती ये अखिया तुम्हारे चले जाने से, पंछियों की आवाज भी कर्कश हो गई तुम्हारे चले जाने से, अब तो ये पानी भी […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।