Read Time2 Minute, 33 Second
बहुत बहुत तुम अभिनन्दन /
तुम हो भारत माँ के नंदन /
जो तुमने करके दिखलाया /
घर में घुसकर मर गिराया //
बहुत बहादुर तुम हो अभिनन्दन /
पूरा देश कर रहा तुम को वंदन /
हर माँ बहिन की दुआ हुई कबूल /
तभी तो वापिस आ गया अभिनन्दन //
एक अकेले ने सिखाया, दुश्मन को सबक /
अब आगे मत करना, कभी कोई भूल /
कितने अभिनन्दन बैठे है, तेरी रहा में /
कब कौनसा अभिनन्दन, कर दे तुमको ….//
अब तुम को मालूम पड़ा है, किस से तू उलझ रहा है /
अब भी न सभाले अगर तुम ? तो बहुत पश्ताओगे /
साथ ही अपनी वर्बादी का, जश्न खुद ही मनाओगे /
क्योकि हमारे पास है, बहादुर देशभक्त अभिनन्दन ///
एक बार फिर तू हार गया,
अपनी कायरता को दिखा गया /
कितने कुत्ते बिल्ली और तुम अब पालोगे,
सब की नाक में दम, अब हम कर जायेगे /
क्योकि हमारे पास है, बहादुर देशभक्त अभिनन्दन /
जिसका सारा देश आज, कर रहा अभिनन्दन //
अभिनन्दन, अभिनन्दन, अभिनन्दन, अभिनन्दन, //
देश के जांबाज विंग कमांडर अभिनन्दन को समर्पित
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
Post Views:
502