नमन वीर शहीदो को

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vindhya prakash
नमन उन वीर शहीदो को,
अमर हुई निशानी है।
देह देकर भारत माता को,
अमर हो गयी कहानी है।
धन्य हुई मां जनकर जिसको
दूध जिसका बलिदानी है।
देगे मुहतोड जबाब
कसम ये हिन्दुस्तानी है।
पत्नी , बेटी परिवारी जन
दुखित है आंखो मे पानी है।
कहते वीर न हो परेशानी
दुश्मन मिटाने को मैने ठानी है।
जान चुके पहचान चुके है
ये हरकत पाकिस्तानी है।
भूख प्यास से दुश्मन मरेगा
बंद कर दिया दाना पानी है।
नक्शे से मिट जाएगा पाक
सब भारतीयो ने ठानी है।
अपने भी सांप पले बैठे जो,
उनसे ही परेशानी है।
कुचल देगे फन अहि आस्तीन के
शपथ रही हिन्दुस्तानी है।
वीर की गाथा अमर रहेगी,
अमर इनकी निशानी है।
कायर बुजदिल छिप कहा गये
निकल बिलो से हरकत तेरी शैतानी है।
मसल देगे मृत्तिका वृत्त सा,
भारतीयो ने अब ठानी है।
#विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र
प्रतापगढ (उत्तरप्रदेश)

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