अश्क

1 0
Read Time1 Minute, 39 Second

navnita katakvar

अल्फाजो को बेअसर कर जाते है,
शिद्दत मैं बहे अश्क।
दर्द की इंतहा को
बया कर जाते है।

दिलो के बोझ मन की घुटन,
दास्तान ना जाने कितनी,
जमाने से छुपाकर अपने साथ बहा ले जाते है।
अल्फाजो को बेअसर कर जाते है,
शिद्दत मैं बहे अश्क।
दर्द की इंतहा को
बया कर जाते है।

बेरंग है ये ना निशानी अपनी छोड़ जाते है।
बड़े हमदर्द है ये,
आंखो में अपना घर बनाते है।
अथह समुन्दर है इनका,
ना जाने कैसे समझ जाते है।
जज्बातों की महफ़िल मैं
बिन बुलाये चले आते है।
अल्फाजो को बेअसर कर जाते है,
शिद्दत मैं बहे अश्क,
दर्द की इंतहा को
बया कर जाते है।

पुर्ण नाम -नवनीता कटकवार
साहित्यक उपनाम-नवनीता की ✍से
जन्म तिथि -19:6:79
वर्तमान पता – सी.सराेजनी विला
पंडित दीनदयालपुरम कालाेनी
MIG2 सिविल लाइन
राज्य -मध्यप्रदेश
शहर – बालाघाट
शिक्षा- M .कॉम
कार्यक्षेत्र -लेखन
विधा- कहानी, कविता, लेख, लघु कथा, संस्मरण, इत्यादि
प्रकाशन -अन्तरा शब्द शक्ति
सम्मान -मातृभाषा उन्ननयन सम्मान
ब्लॉग -नवनीता की ✍से
अन्य उपलब्थिया —
लेखन का उद्देश्य -लेखन में अधिक रुचि और सामाजिक जागरूकता में योगदान के लिए

 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

ऋतु बासंती प्रीत

Wed Jan 30 , 2019
आता है ऋतुराज जब,चले प्रीत की रीत। तरुवर पत्ते दान से, निभे  धरा-तरु  प्रीत। निभे धरा-तरु प्रीत,विहग चहके मनहरषे। रीत  प्रीत  मनुहार, घटा बन उमड़े  बरसे। शर्मा  बाबू लाल, सभी को  मदन सुहाता। जीव जगत मदमस्त,बसंती मौसम आता। .                  भँवरा तो  पागल  हुआ, देख  गुलाबी फूल। कोयल तितली बावरी, चाह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।