नई दिल्ली |
केंद्र सरकार द्वारा राम जन्म भूमि न्यास की 42 एकड़ भूमि को उसे वापस दिए जाने संबंधी केंद्र सरकार की माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दी गई प्रार्थना का विश्व हिन्दू परिषद् ने स्वागत किया है. न्यास ने यह भूमि भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर हेतु ली थी.
भारत सरकार ने 1993 में कुल मिला कर 67.703 एकड़ भू भाग का अधिग्रहण किया था. यह भू भाग राम जन्म भूमि न्यास की भूमि को मिला कर था.
इसमें से मात्र 0.313 एकड़ ही न्यायालय में विवादित है. राम जन्मभूमि न्यास की भूमि को मिलाकर शेष सभी भू भाग पर किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मो इस्माइल फारुकी वाद में कहा भी था कि बाहर का अविवादित भू भाग उनके मालिकों को बापस दिया जाएगा.
विहिप को विश्वास है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार की इस अर्जी का शीघ्र निपटारा करेगा.
(एडवोकेट आलोक कुमार, अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद्)
#विनोद बंसल
विश्व हिन्दू परिषद्