शुक्रिया

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anjali pandya
शुक्रिया
ए बीते वर्ष!
कैसे भूलूँ कि
तेरी ही बुनियाद पर
खड़ी है मेरे इस
नव वर्ष की इमारत।
तेरे ही ककहरे ने
लिख दी है
मेरे जीवन की
इक नई इबारत।
वादा दिया
नया इरादा दिया
तेरे नाम के
आगाज़ के साथ ही
 सुंदर सा अंजाम भी दिया।
तेरे अँधेरे के
उत्सर्ग ने ही
नव रश्मियों के
 प्रस्फुटन का पैगाम दिया।
तेरी गवाही में मिली कामयाबी और
नाकामियां
आज की भोर की
आरती और अजान लगी।
कलम की दौलत मिली
शब्दों से शोहरत मिली
जी करता है
बस इसी खज़ाने को संजोए रखूं ताउम्र
अब किसी और खज़ाने की हसरत नहीं।
शुक्रिया
ए बीते वर्ष!
स्वागतम्
ए नव वर्ष!
स्वागतम्।।।
परिचय
*नाम*:-श्रीमती अंजलि   पंड्या
*(राज्यपाल अवार्ड 2018)*
*पति का नाम*:-श्री राकेश पंड्या
*पिता का नाम*:-श्री नटवर लाल जी जोशी
*माता का नाम*:- श्रीमती कान्ता जोशी
*सम्प्रति*:-शिक्षिका
( राज०आ०उ०माध्य०
विद्या० कनबा )
 शैक्षणिक अनुभव:-22 वर्ष ।
योग्यता:-स्नातकोत्तर( हिंदी)     
                 S.T.C.
*पता*:- डूंगरपुर(राजस्थान)
*विभागीय उपलब्धियां*
********************
1:-जिला शिक्षा एवम् प्रशिक्षण     संस्थान तथा यूनिसेफ के साँझा प्रयासों से भाषा शिक्षण सिद्धांतों से कक्षा- कक्ष तक ( LLF )एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स पूर्ण करना।(2017)
2:-शिक्षण सम्बन्धी शोध कार्य।
3:-दैनंदिनी संधारण जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।
4:-पत्र-वाचन जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान। (2017)
5:-विधालय में नामांकन वृद्धि हेतु ब्लॉक लेवल पर सम्मानित। 
6:-उपखंड स्तरीय सम्मान
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2018.
7:-5 सितम्बर 2018 को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान(राज्यपाल अवार्ड)से सम्मानित।(जयपुर)
*साहित्यिक परिचय*
******************
1:-पत्र-पत्रिकाओं के लिए आर्टिकल, कहानी आदि गद्य लेखन।
2:-मुक्तक,गीत,ग़ज़ल एवम् कविता लेखन।
3:-विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन।
शब्द साधना,हिंदी सागर आदि
4:-विभागीय साहित्यिक प्रतियोगिताओं में भाग लेना।
5:-कवि सम्मेलन एवम् काव्य गोष्ठियों में काव्य पाठ करना।
6:-समस्त ब्रह्म समाज ट्रस्ट अहमदाबाद( गुजरात )द्वारा साहित्यिक एवम् शैक्षिक उपलब्धियों हेतु सम्मानित।
7:-राजस्थान पत्रिका,वागड़ विभा    एवम् भारत विकास परिषद डूंगरपुर (राजस्थान )द्वारा हिंदी दिवस पर सम्मानित।
8:-श्री वृहद भट्ट मेवाड़ा युवा समाज बांसवाड़ा-डूंगरपुर द्वारा सम्मानित।
9:-राष्ट्रीय ब्राह्मण सम्मान समारोह एवम् विशाल सम्मेलन भीलवाड़ा में सम्मानित(20-05-2018)
10:-शब्द साधना राष्ट्रिय साहित्यिक समूह द्वारा *शब्द साधना अलंकरण*  (28 जुलाई 2018) द्वारा सम्मानित।
11:-विश्व हिंदी रचनाकार मंच दिल्ली द्वारा हिंदी सागर सम्मान 2018 से सम्मानित।
12:-वुमन आवाज़ 2018 अवार्ड द्वारा सम्मानित 
एवम् *ख्वाहिशें* लघु पुस्तिका का विमोचन भोपाल,मध्य प्रदेश।
(4अगस्त2018)
14:-मधुशाला साहित्य परिवार द्वारा *साहित्य रत्न 2018* की उपाधि।
15:-विश्व पुस्तक मेले में(अंतरा शब्द शक्ति 2019) मेरी लघु पुस्तिका *बस तुम ही हो…* को स्थान मिला।
16:- *नूर-ए अल्फ़ाज़*  व *अपूर्वा* साझा संग्रह प्रकाशनाधीन ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।