नये वर्ष की शुभकामनाये

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gopal narsan

घड़ी की सुई ने
रात मे 12 पार किये
तो कलैंडर बदल गया
2018 से
2019 हो गया
धीरे धीरे रात से
सवेरा हो गया
फिर नये वर्ष की
बधाई देने वालो का
देखते ही देखते
तांता लग गया
लेकिन नया क्या हुआ
कलैंडर बदलने के सिवा
क्या बुराइयां खत्म हुई
क्या हिंसा हार गई
क्या अबला अब
सबला हो गई
इंसानियत जीत गई
हैवानियत हार गई
क्या विकारो पर
विजय मिल पाई
क्या रावण
हमेशा के लिए जल गया
क्या राम राज्य आ गया
क्या अब भूखे पेट
नही सोयेगा कोई
क्या अब कोई
आत्महत्या नही होगी
क्या अब किसी की
आबरू से
खिलवाड़ नही होगा
यदि यह सब
नही बदलना है
तो नये साल का भी
क्या करना है
फिर भी कहते है
दुनिया उम्मीद पर
जिंदा है
कुछ अच्छा होगा
इस नये साल मे
इसी विश्वास के साथ
2019 की आपको बधाई।

#गोपाल नारसन

परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका निवास जनपद हरिद्वार(उत्तराखंड राज्य) स्थित गणेशपुर रुड़की के गीतांजलि विहार में हैl आपने कला व विधि में स्नातक के साथ ही पत्रकारिता की शिक्षा भी ली है,तो डिप्लोमा,विद्या वाचस्पति मानद सहित विद्यासागर मानद भी हासिल है। वकालत आपका व्यवसाय है और राज्य उपभोक्ता आयोग से जुड़े हुए हैंl लेखन के चलते आपकी हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकें १२-नया विकास,चैक पोस्ट, मीडिया को फांसी दो,प्रवास और तिनका-तिनका संघर्ष आदि हैंl कुछ किताबें प्रकाशन की प्रक्रिया में हैंl सेवाकार्य में ख़ास तौर से उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए २५ वर्ष से उपभोक्ता जागरूकता अभियान जारी है,जिसके तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व विधिक सेवा प्राधिकरण के शिविरों में निःशुल्क रूप से उपभोक्ता कानून की जानकारी देते हैंl आपने चरित्र निर्माण शिविरों का वर्षों तक संचालन किया है तो,पत्रकारिता के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वास के विरूद्ध लेखन के साथ-साथ साक्षरता,शिक्षा व समग्र विकास का चिंतन लेखन भी जारी हैl राज्य स्तर पर मास्टर खिलाड़ी के रुप में पैदल चाल में २००३ में स्वर्ण पदक विजेता,दौड़ में कांस्य पदक तथा नेशनल मास्टर एथलीट चैम्पियनशिप सहित नेशनल स्वीमिंग चैम्पियनशिप में भी भागीदारी रही है। श्री नारसन को सम्मान के रूप में राष्ट्रीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ.आम्बेडकर नेशनल फैलोशिप,प्रेरक व्यक्तित्व सम्मान के साथ भी विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर(बिहार) द्वारा भारत गौरव

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