महंगी दालें क्यों रोज रुलाती।
सब्जी दूर खङी मुंह चढाती।।
अब सलाद अय्याशी कहलाता है,
महंगाई में टमाटर नहीं भाता है,
मिर्ची बिन खाए मुंह जलाती।।
मिट्ठे फल ख्वाबों में ही आते हैं,
आमजन इन्हें नहीं खरीद पाते हैं,
खरीदें तो नानी याद है आती।।
कङवे करेलों के सब दर्शन करलो,
आम अनार के फोटो सामने धरलो,
सुनके कीमत, भूख भाग जाती।।
कैसे होए गरीबों का गुजारा,
पेट पर पट्टी बांधना ही चारा,
पतीली चुल्हे पर न चढ पाती।।
सिल्ला’ से मिर्च मसाले विनोद करें,
एक आध दिन नहीं , रोज रोज करें,
खरददारी औकात बताती।।
#विनोद सिल्लाजीवन
परिचय
विनोद सिल्ला माता का नाम/ पिता का नाम श्रीमती संतरो देवी/श्री उमेद सिंह सिल्ला पत्नी का नाम :- श्रीमती मीना रानी जिला फतेहाबाद (हरियाणा) शिक्षा/जन्म तिथी एम. ए. -इतिहास, बी. एड.व्यवसाय अध्यापनप्रकाशन विवरण .जाने कब होएगी भोर (काव्यसंग्रह)खो गया है आदमी (काव्यसंग्रह) मैं पीड़ा हूँ (काव्यसंग्रह)यह कैसा सूर्योदय’ (काव्यसंग्रह)संपादित पुस्तकें प्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुण (काव्यसंग्रह) मीलों जाना है (काव्यसंग्रह) सम्मान का विवरण डॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड-2011भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा महात्मा ज्योति बा फूले राष्ट्रीय फैलोशिप अवार्ड-2012भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ऑल इंडिया समता सैनिक दल द्वारा 15, जून 2014 को उपमंडल प्रशासन, टोहाना द्वारा गणतन्त्र दिवस, 26, जनवरी 2012 को दैनिक सांध्य समाचार पत्र, ‘टोहाना मेल द्वारा 17, जून 2012 के अम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा 06, जुलाई 2014 कोलाला कली राम साहित्य सम्मान-2015साहित्य सभा, कैथलके सी टी ग्रूप ऑफ इन्सटीट्युशन फतेहगढ़, लहरागागा (पंजाब) 07, फरवरी 2017 संस्थाओं से सम्बद्धता (यदि कोई हो तो विवरण दें)हरियाणा प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन,टोहानाअध्यक्ष (2013-15)मुख्य सलाहकार (2015-17)