तमाचा

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surendra aagi
है तीन तलाक असंवैधानिक,
सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया।
दकियानुसी कठमुल्लाओं के,
मुंह पर खींच तमाचा जड़ दिया॥
इस्लाम की धौंस दिखाकर,
महिलाओं पर अत्याचार किया।
जो सब कुछ लुटाया था तुम पर,
उनको ही बेघरबार किया॥
और हलाला का हवाला देकर,
उनको जलील तुम करते थे।
शरीयत को ढाल बनाकर,
उनका शोषण करते थे॥
 बेबसी और लाचारी पर,
बस आंसू ही वे बहाती थी।
चार-चार बीबी के शौहर बन
तुम कितना इतराते थे॥
कब तलक अत्याचार वो सहती,
अपनी दोजख जिन्दगी पर।
धधक रही थी ज्वाला भीतर
जीती थी खून के आंसू पीकर॥
पर कठमुल्लाओं के भय से,
घुट-घुटकर वो जीती थी।
जिल्लत के विष का प्याला,
मजबूरी में ही पीती थी॥
आज आया नया सबेरा,
नवजीवन का संदेशा लेकर।
तीन तलाक की त्रासदी से
मुक्ति की नई राह देकर॥
जब हम हैं एक देश के,
एक हमारा झंडा है।
अलग-अलग कानून का बोलो,
ये क्या गोरखधंधा है॥
सबका हो सम्मान यहां पर,
एक-सा हो जीने का आधार।
एक हो सबकी खातिर कानून,
सबको मिले समान अधिकार॥
बंद हुआ मुंह कठमुल्लाओं का,
बंद होगी अब मनमानी।
एक रहेगा अब कानून सबका,
खुशहाल बनेगी जिन्दगानी॥
                                                            #सुरेन्द्र अग्निहोत्री ‘आगी’
परिचय: सुरेन्द्र अग्निहोत्री ‘आगी’ ने बी.काम.और डी.एड. के साथ ही  एम.ए(हिन्दी तथा इतिहास) भी किया है। १९६२ में ६ जुलाई को जन्मे और पढ़ाई के बाद शिक्षक बने। आप छत्तीसगढ़ के जिला महासमुन्द में निवास करते हैं। छत्तीसगढ़ी और हिन्दी भाषा में आपकी २ किताब शीघ्र ही छपकर आने वाली हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।