बुरा भले ही मानिए

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हे प्रभु उनको ज्ञान दो, जो ज्ञानी घनघोर।
स्वयं अल्पज्ञानी भले, रहलें अंतिम छोर।।

धन उनको प्रभु दीजिए, बने हुए धनवान।
मैं तो निर्धन ही भला, मिले पाव भर धान।।

जीभ चटोरे लोक को, देना छप्पन भोग।
हे प्रभु दे देना मुझे, देश भक्ति का रोग।।

तन बल ईश्वर दें उन्हे, जो बनते बलबीर।
हम तो बस सहते रहें, दे देना कुछ धीर।।

रूप उन्हें दे दीजिए, जो रँगते नित केश।
मुझे चाहिए साधना, और फकीरी वेश।।

होली के हुड़दंग दे, जो जन सर्व प्रवीण।
मुझे बचाना साँवरे, ढलती काया क्षीण।।

वक्ता उन्हें बनाइए, करते बक बक लोग।
मुझको दे दातार तो, मौन दीजिए योग।।

देना प्रभु सम्मान तो, जिनको है अभिमान।
सत्साहित्यिक छंद का, देना सृजन विधान।।

सात रंग देना उन्हे, जो मानस रंगीन।
शब्द शक्ति का ढंग दे, मुझको रंग विहीन।।

बुरा भले ही मानिए, या खुश होना आप।
शर्मा बाबू लाल को, रहे न मन संताप।।
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बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ
सिकंदरा, दौसा, राजस्थान

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रंग

Mon Mar 29 , 2021
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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।