रविवार को दिल्ली में उमड़ेगा राम भक्तो का जनसैलाब : डॉ सुरेंद्र जैन

0 0
Read Time2 Minute, 58 Second

vinod bansal

नई दिल्ली |

 विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आगामी 9 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली विराट धर्मसभा को लेकर व्यापक तैयारियां जारी है। इस संदर्भ में आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में लगभग 150 स्थानों पर अलग-अलग सभाओं, बैठकों, प्रभात फेरियो, संध्या संकीर्तनों तथा मोटर वाहन रैलियों इत्यादि के माध्यम से व्यापक रूप से जनजागरण किया जा रहा है। अब पूज्य संतो के आह्वाहन पर दिल्ली व एन सीआर के कार्यकर्ता घर घर जाकर अक्षत व रोली युक्त “संकल्प पुष्प” का लिफाफा लेकर धर्म सभा के लिये निमंत्रण देने निकल रहे हैं।

इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखक व विचारक श्री नरेन्द्र सहगल द्वारा श्री राम जन्मभूमि पर लिखित एक पुस्तक “मंदिर भव्य बनाएंगे” का विमोचन भी किया गया. इसे सुरुचि प्रकाशन ने प्रकाशित किया है.

डा सुरेन्द्र जैन ने कहा कि पूज्य संतों द्वारा गत 5 अक्टूबर की संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में घोषित चार में से दो चरणों का कार्य पूर्ण हो चुका है. जिसमें राष्ट्रपति से मिलने की बाद देश के सभी राज्यपालों से मिलने का कार्य सामिल था। अब 500 संसदीय क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी सभाओं के साथ सासदों से संपर्क का कार्य जारी है। जितने भी सांसदों से अभी तक हम मिले हैं, सभी ने कहा है कि जब कानून आएगा तो हम उसका समर्थ करना चाहेंगे. राम जन्म भूमि के सन्दर्भ में एक तूफ़ान सा देश में आ चुका है. अब राम का कोई विरोध कर सके, ऐसा संभव नहीं है। दिल्ली की धर्मसभा के उपरांत संसद में राम जन्मभूमि के सम्बन्ध में आने वाले कानून का भी कोई विरोध नहीं कर पाएगा।

मुम्बई में कल हुई धर्मसभा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सभा में युवाओं की 90% उपस्थिति ने उन लोगों के भी मुंह बंद कर दिए जो यह कहते थे कि जिन्होंने 1990 का आन्दोलन नहीं देखा वे कैसे इससे जुड़ेंगे?

जारी कर्ता 
विनोद बंसल

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

वेवफा-हमसफर

Tue Dec 4 , 2018
हमसफर बनके वो हमसाया न बन सकीं साथ रहकर वो मुझे न समझ सकीं। अब तो राहें है,जुदा-जुदा जैसे, नदी के दो किनारे हो राह देखते ऐसे जैसे, बे-सहारे हो चाहकर भी एक दूसरे की हो न सकीं जैसे, बीच भँवर की मांझी हो हमसफर बनके वो हमसाया न बन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।