‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’
अंतर्मन की,
अभिव्यक्ति है
मनोभावों की,
सार्थक नियति है कविता।
हर्ष विषाद,
सबको उकेरे कविता..
हर लम्हे,
को जीवंत करे कविता।
कभी,
अलंकारों से श्रंगारित कविता..
कभी,
सादगी से सहज उपजती कविता।
मौन,
को मुखरित करती कविता..
शब्दों,
को लय में पिरोती कविता।
इंद्रधनुषी,
रंगों का सृजन है कविता..
शब्दतृणों,
का नवनीड़ है कविता।
मंत्रमुग्ध,
सबको करती काव्य सरिता…
सदियों से,
निर्झर बहती काव्य सरिता।
#श्वेता जोशी
परिचय : इंदौर निवासी श्रीमती श्वेता जोशी बीएससी सहित एम.ए.(अंग्रेज़ी साहित्य) और बी.एड.भी किया है।एक वर्ष से आप स्वतंत्र लेखन (मुख्यतःकाव्य) में सक्रिय हैं। गृहिणी के साथ ही वर्तमान में रोटरी अंतरराष्ट्रीय मंडल की मासिक पत्रिका की संपादक का दायित्व भी निभा रही हैं।