अवधपुरी रघुनन्दं आये

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sandhya
जब अवधपुरी रघुनन्दं आये।
नगर निवासी ने दर्शन पाये।
घर घर मे फिर दीप जलाये।
सब देवों  के मन हरषाये।।
कार्तिक मास अमावस्या को।
प्रभु राम की नगरी में हुआ।
अमावस्या को उत्सव खास।
 सब ओर हो रहा हर्षोल्लास।।
चौदह वर्ष का वनवास जो,
आज जो हो रहा समाप्त है।
हर्षित वेला आ गयी देखो।
मिट रहा आज अंधकार है।।
रोशन हुई अवधपुरी ऐसी
जगमग जगमग दीप जले
बधाई गा रही नार सभी।
नौवत शहनाई आज बजे।।
✍संध्या चतुर्वेदी
अहमदाबाद, गुजरात

matruadmin

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