हिमालया की और ऊपर मे एक बस ढलान पर जा रहा था, उसमे एक किसान अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहा था! बस पर्वत पर आगे बढ़ रहा था! किसान ने कंडक्टर को बिनती की, कि उसे बीच में अपने गांव के पास उतारा जाय, कंडक्टर ने आगे बढ़कर बेल बजाई, किसान खुस होते हुए बस से उतर कर कंडक्टर और ड्राइवर का आभार प्रकट किया!
बस चली आगे बढ़ी, वो किसान ने देखा! थोड़े आगे जाते समय लेंड सलायन्डिंग की वजह से एक बड़ा पत्थर नीचे की ओर बीच रास्ते में आकर बस से टकराया, बस खाई में गिर गई! उसमे सवार करीब 50 लोग अपनी जान खो दिया, किसान की पत्नी खुश हुई बोली की चलो अच्छा हुआ अपनी जान बच गई!
किसान रो रहा था, उसकी पत्नी ने बताया कि आप क्यू रो रहे हैं? अपनी जान बच गई है, हमे खुश होना चाहिए तब किसान ने कहा कि हम बीच रास्ते नहीं उतरते तो बस बहुत आगे निकल जाती 5 मिनट में बहुत दूर निकल जाती और ये हादसा नहीं होता! अपने निजी स्वार्थ के लिए हम पे दल गांव जाना नहीं पड़े इस लिए बीच में बस रुकवाई! किसान बहूत दुखी हो गया उसने मरने वालों के लिए प्रभु से प्रार्थना की और उन्हे शांति मिले ऎसी मांग की!
#गुलाबचन्द पटेल
परिचय : गांधी नगर निवासी गुलाबचन्द पटेल की पहचान कवि,लेखक और अनुवादक के साथ ही गुजरात में नशा मुक्ति अभियान के प्रणेता की भी है। हरि कृपा काव्य संग्रह हिन्दी और गुजराती भाषा में प्रकाशित हुआ है तो,’मौत का मुकाबला’ अनुवादित किया है। आपकी कहानियाँ अनुवादित होने के साथ ही प्रकाशन की प्रक्रिया में है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन(प्रयाग)की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन में मुंबई,नागपुर और शिलांग में आलेख प्रस्तुत किया है। आपने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा एवं राष्ट्रीय विकास में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर आलेख भी प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय(दिल्ली)द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में दार्जिलिंग,पुणे,केरल,हरिद्वार और हैदराबाद में हिस्सा लिया है। हिन्दी के साथ ही आपका गुजराती लेखन भी जारी है। नशा मुक्ति अभियान के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी दवारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है तो,गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल ने ‘धरती रत्न’ सम्मान दिया है। गुजराती में ‘चलो व्यसन मुक्त स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करें’ सहित व्यसन मुक्ति के लिए काफी लिखा है।