# गोपाल कौशलपरिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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चंद्रमा की तरह शीतल मस्तिष्क
घंटे की तरह मधुर स्वर सात्विक ।
कंचन-सी कायाधारी माँ चंद्रघटा
देती संदेश कार्य करों परमार्थिक ।।
माता का तृतीय स्वरूप माँ चंद्रघंटा
करती सारे कार्यसिद्धि माँ चंद्रघंटा ।
चढावें जो दूध,पुष्प, अक्षत,कमुकुम
करें उसकी अनुकूल सुख – संपदा ।।
सारे भय को दूर करें माँ चंद्रघंटा
दस भुजाधारी माँ दूर करें विपदा ।
माँ का तृतीय रूप लगें हैं अनूप
तेज-बल,खुशियाँ देती माँ चंद्रघंटा ।।
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