मानवता की खिल्ली को

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(भूख से मरी वो दोनों बच्चियां मुझे सोने नहीं दे रहीं रोज रात को आकर वो मुझसे खाना मांगती हैं रोटी दिखाते ही वो हँसकर लौट जाती हैं । अगर आदमी जैसा कुछ भी है शरीर में तो सोंचिये विचारिये मनन करिए और उनके जान जाने के दर्द को महसूस करिए)
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सुबह ही तो गया था वो
और फिर न लौटा
जो घर में छोड़कर गया था दो फूल सी बच्चियां
एक भगौना और एक लोटा
शाम आई आफत बनकर
भूख प्यास से आहत बच्चियां
उसके गवाह बने दो पेड़ और उनकी गिरी पत्तियां
दोनों की उम्र थी सात और नौ साल
पहाड़ सी मुसीबत और सम्हालने को नौनिहाल
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पहली रात आई …..
और शुरू हुई भूख औऱ प्यास से उनकी लड़ाई
सुबह भी हुई पर उनकी जिंदगी में कहाँ उजाला था
देखने को आंखे थी औऱ दुष्वारियों का निवाला था
नींद भी तो नदारत थी वरना  वो सपने में ही पा लेती
कोई देने होता तो वो मांगकर भी खा लेती
पूरे सात दिन और रातें
उन्होंने क्या क्या गिनकर काटे
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राजधानी की भीड़ में वो होती रहीं कंकाल
न रोटी न चूनी न आटा न दाल
दोनों फूल बिना अन्न जल के सूख गए
चाँद और सूरज जमीन पर गिरकर टूट गए
दिल्ली के इतिहास में इतना बड़ा धमाका
पर कहीं कुछ लगा नहीं हुआ सा
ये देखकर रोईं घर की मकड़ियां चीटियां और झींगुर
सांत्वना देने आये गली की एक कुतिया और दो कुकुर
हुआ क्या था आखिर युधिष्ठिर की इंद्रप्रस्थ और आज की दिल्ली को
कि कोई देख ही न पाया
मानवता की इस खिल्ली को
#दिवाकर 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।