हिंदी देश का वासी हूँ

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aalok vashishth
मैं हिंदी देश का वासी हूँ,
पर अंग्रेजी भाषी हूँ!
जब मद-महफ़िल में होता हूँ,
डूड पुकारा जाता हूँ।
आधी रात गए जब नाईट पार्टी से घर आता हूँ,
सामने वाली खिड़की से चिरकुट पुकारा जाता हूँ।
कभी फ़ेसबुक,कभी व्हाट्सएप, कभी यूट्यूब में फिरता हूँ,
भोर पहर डॉगी को लेकर पार्क में टहलता हूँ।
आधे हरे,आधे लाल बालों में कूल पुकारा जाता हूँ।
कभी विहस्की तो कभी मैं रम-गम में डूबा रहता हूँ,
सोसाइटी वाले शर्मा जी के द्वारा फूल पुकारा जाता हूँ।
दादी अम्मा कहती है तू वीर भगत का वंशज है,
पर पता नहीं क्यों मास्टर जी द्वारा नामाकूल पुकारा जाता हूँ!
परिचय- 
नाम-अालोक कुमार
साहित्यिक उपनाम-अालोक कुमार वशिष्ठ
वर्तमान पता-पकरीबरावां (एरुरी)
राज्य-बिहार
शहर-नवादा
शिक्षा-जारी 12वीं कक्षा में अध्ययनरत
विधा -आलेख/कविता
लेखन का उद्देश्य-सामाजिक बदलाव

matruadmin

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One thought on “हिंदी देश का वासी हूँ

  1. बहुत ही अद्भुत लेखनी का प्रदर्शन हैै।
    समाज में कुछ पल रहे कुरीतियों को अच्छे से दर्शाया गया है। मैं लेखक को धन्यवाद करता हू ऐसी लेखनी के लिए और गुजारिश करता हू की ऐसी ही और लेखनी का समाज के समक्ष पेश करें।

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