छोटी सी गुड़िया

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jaswant
चाँदनी रात में तारो को , देखके सोचू ,
       काश ! कोई सितारा मेरे आँगन में उतरता ।
मेरे घर में आये एक छोटी सी गुड़िया ,
          मेरा आँगन भी आसमान सा निखरता ।।
अब तो खुदा !  सुन मेरी पुकार ,
                   मेरे घर भी एक फ़रिश्ता उतार ।
मुझे छोटी गुड़िया का दे वरदान ,
                ताकि दे सकूँ उसे ढेर सारा दुलार ।।
बेटे की ख्वाहिश तो सब करते है,
               मुझे तो बस एक छोटी गुड़िया दे दे ।
बेटे जायदाद का बटवारा करते है,
              शायद ! बेटी दवाई की पुड़िया देदे ।।
बहुत समझदार बनके जिया हूँ ,
                  बच्ची के संग मै बच्चा बन जाऊं ।
आजकल की दोतरफी दुनिया में ,
               बच्चों की तरह मै सच्चा बन जाऊ ।।
नन्ही प्यारी और छोटी सी गुड़िया ,
                    कोख में ही मार देती ये दुनिया ।
मुझको भी गुड़िया का दीदार करादो ,
           क्यों सीमीत हो जाती इनकी दुनिया ।।
नन्ही व छोटी सी हो मेरे गुड़िया ,
                   कंधे पर बस्ता स्कुल में जाये ।
हाथ में लेके नमकीन की पुड़िया ,
               डाल के झप्पी, हरदम मुस्कुरायें ।।
मेरा एक ही सपना है अब ,
                    मेरे घर में भी लक्ष्मीजी आये ।
 रखे अपने कोमल से कदम और ,
             “जसवंत” के घर को जन्नत बनाये ।।

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .) 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।