*1*
हिन्दी भाषा देश री ,भाषा मातु कहाय।
सुन्दर भाषा सुघड़ लिपि,देव नागरी पाय।।
*2*
आदि संस्कृत मात है,निज भाषा की जान।
अंग्रेजी सौतन बणी , अंतरमन पहचान।।
*3*
हिन्दी री बेटी घणी, प्रादेशिक अरमान।
बेटी री बेटी बहुत, जान सके तो जान।।
*4*
हिन्दी री बिन्दी घणी, बात अमोलक मोल।
सज नारी रै भाल पै,अगणित अंक सतोल।।
*5*
मातृभाष सनमान करि,करो देश सम्मान।
प्रादेशिक भाषा भला, राष्ट्र एक अरमान।।
*6*
हिन्दी री सौतन भला, दिला सकै छः कार।
पण हिन्दी ही निभा सकै,टाबरिया संस्कार।।
*7*
बेटी हिन्दी की भली, दिला सकै पहचान।
बेटी री बेटी भला, सुविधा या अरमान।।
*8*
देश एकता रै लियाँ, हिन्दी रो व्है मान।
हिन्दी मैं सब काम हो,हिन्दी सभी विधान।।
*9*
कोर्ट कचहरी दफ्तराँ, हिन्दी हो सुविकास।
हिन्दी में कानून व्है, फैले हिन्द प्रकाश।।
*10*
विभिन्नता मैं एकता, भाषा मै भी होय।
राज्य प्रांत चाहो करो,देश न हिन्दी खोय।।
*11*
सबसूँ छःअरदास या,हित हिन्दी और हिन्द।
शरमा बाबू लाल कै, हिन्दी हृदय अलिन्द।।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः