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हिंदी की गौरव गाथा है ।
हिंदी में लिखना भाव प्रकट
हिंदी ही हमारी भाषा है ।
हिंदी वैज्ञानिक लिपि वाली।
नहि मूक स्वरों का समावेश
निज भाषा उन्नति से ही
मिल हुआ एक सम्पूर्ण देश ।
विस्तृत कलेवर हिंदी का
विश्व में दूसरा है स्थान
कई बोलिया इसमें शामिल
देवनागरी लिपि निशान।
पांच उपभाषाए है
सत्रह बोलिया वर्गीकृत
हिन्दवी देहलवी खडी बोली
कई नाम से है गर्वित।
भारोपीय परिवार की भाषा
हिंदी भाषा की बोली लिपि ।
संविधान में 343 से 351 तक
वर्णित है भाषा विधि।
हिंदी श्रंगार भारत माँ की
मस्तक की बिन्दी बनी हुई
504 कुंजिया है संगणक मे लिखी हुई।
भाषा की फिल्मे विश्व जगत मे
अपना स्थान बनाती है।
मारीशस नेपाल पाकिस्तान सहित
कई देशों में देखी जाती हैं ।
एक लाख शब्द कोश युक्त
भाषा समृद्ध बनी बनी जग में
शुद्ध वर्तनी इसकी माने
मिठास भरी है रग रग में ।।
छंद युक्त और छंद मुक्त
रचनाएँ भाषा का गौरव है,
जैसे शब्द लिखे जाते
वैसा ही उसका रव है ।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्रप्रतापगढ उ प्र
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