दर्द की लकीर खींची है अभी,
दनदनाती गोली लगी है अभी।
खामोश कर दी आवाज उसकी,
ढोल की पोल खोली जिनकी।
सच बोलने की आजादी नहीं,
दिलों में डर बैठा था जिनके।
खूब लड़ी मर्दानी थी वो,
कुछ करने की ठानी थी जो।
अंत जानती थी वो अपना,
दुश्मन से नहीं हारी थी वो।
खुद की जान न्योछावर कर,
देश को नई दिशा दे गई॥
#श्रीमती राजेश्वरी जोशी
परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में है। आप लेखन में मन के भावों को अधिक उकेरती हैं,और तनुश्री नाम से लिखती हैं।