शिक्षक का सम्मान हो,
जो है ईश समान।
सही राह दिखलाए
देते हैं सद्ज्ञान।
परिश्रमी नवोन्मेषी
जो समाज की शान
भावी के निर्माण में
इनका योगदान ।
कर्तव्य और निःस्वार्थ से
पढा बढाते ज्ञान
नमन करू मैं गुरु को
शिक्षक नाम महान।
अपने पाल्य सा हमे
देते है जो ध्यान
पथ प्रदर्शक हम कहे
ये समाज की शान।।
भाई सा व्यवहार हो
मित्र सा मिले सनेह ।
शिक्षक करते छात्र को
अपनापन सा नेह।।
एक एक बाधा को
काट दिखाया ज्ञान ।
आज दिवस पर हम उन्हें
याद करे ससम्मान।।
अज्ञान के तिमिर से
बाहर कर दे भान।
उदित भानु सा भाषित
हमको देते ज्ञान।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्रप्रतापगढ उ प्र