0
0
Read Time49 Second
गर्मी आई,गर्मी आई , जंगल मे है मची तबाही।
शेरनी रानी,बिल्ली ताई,लू के आगे हैं गबरायी।।
सूरज दादा,क्या गुस्सा है,अग्नि बहुत है क्यों बरसाई।
गर्म लू के थपेड़ों ने जंगल के हर कोने है आग लगाई।।
राजा शेर है घबराया , उपाय कोई समझ नही आया।
सेनापति हाथी आया उसने फिर राजा को समझाया।।
राजा जी , सब जंगल वासियो को बुलाना होगा।
पौधे सब लगाए अब ये सबको समझाना होगा।।
जंगल में फिर हर साल वर्षा होगी अपार।
फिर ना कभी मचेगा जंगल मे गर्मी से हाहाकार।।
नीरज त्यागी
ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).
Post Views:
399