तेरी दोस्ती 

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hokamdev

तेरी दोस्ती बोतल के ढक्कन सी हैं
तेरी दोस्ती दूध के मक्खन सी  हैं
तेरी दोस्ती फूलों के भंवरों सी हैं
तेरी दोस्ती सागर की लहरों सी हैं
तेरी दोस्ती घर के छप्पर सी हैं
तेरी दोस्ती काली के खप्पर सी हैं
तेरी दोस्ती ताले की चाबी सी हैं
तेरी दोस्ती पेट की नाभि सी हैं
तेरी दोस्ती सूई के धागे सी हैं
तेरी दोस्ती नींद के जागे सी हैं
तेरी दोस्ती  दीये की बाती सी  हैं
तेरी दोस्ती गीत को गाती सी हैं
तेरी दोस्ती शीप में मोती सी हैं
तेरी दोस्ती कुर्ते में धोती सी हैं
तेरी दोस्ती पतंग की डोर सी हैं
तेरी दोस्ती अंतिम के छोर सी हैं
तेरी दोस्ती परिंदे के पंख सी हैं
तेरी दोस्ती मंदिर के शंख सी हैं
तेरी दोस्ती फ्रेम में फोटो सी हैं
तेरी दोस्ती चुनाव में वोटो सी हैं
तेरी दोस्ती पेड़ की जड़ो सी हैं
तेरी दोस्ती पटाखों की लड़ो सी हैं
तेरी दोस्ती गगन के बादलों सी हैं
तेरी दोस्ती की हदें पागलों सी हैं
तेरी दोस्ती हाथो की लकीरों सी हैं
तेरी दोस्ती संतो की फकीरों सी हैं
तेरी दोस्ती पेन में स्याही सी हैं
तेरी दोस्ती प्रेमिका को ब्याही सी हैं
तेरी दोस्ती नाव के माझी सी हैं
तेरी दोस्ती मस्ज़िद के काज़ी सी हैं
तेरी दोस्ती सूरज की किरणों सी हैं
तेरी दोस्ती जंगल में हिरणों सी हैं
तेरी दोस्ती मकान की नींव सी हैं
तेरी दोस्ती शरीर में जीव सी हैं
तेरी दोस्ती नदी के किनारों सी हैं
तेरी दोस्ती राजाओं की मीनारों सी हैं
तेरी दोस्ती घर में झाड़ू सी हैं
तेरी दोस्ती मिठाई के लाड़ू सी हैं
तेरी दोस्ती चाँद की चांदनी सी हैं
तेरी दोस्ती सुरों में रागिनी सी हैं
तेरी दोस्ती अंधे की लाठी सी हैं
तेरी दोस्ती चारे की गाठी सी हैं
तेरी दोस्ती  इंसा में ईमान सी हैं
तेरी दोस्ती इंसा में गुमान सी हैं
यार तेरी दोस्ती,दोस्ती सी हैं

                                                    #होकमदेव राजपूत

परिचय : होकमदेव राजपूत राजगढ़ जिले के ग्राम सुकली(तहसील नरसिंहगढ़) में निवास करते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।