मन बहुत व्यथित है। महिलाओं पर मैं अति शीघ्र नही लिखता। और न ही आज लिखना चाह रहा था।माताओं बहनों क्षमा करना।
मैं बहुत दिनों से इस समय महिलाओं को कुछ ऐसे विषय पर लिखते देख रहा हूँ। बहुत बुरा लगता है। लिखेंगी फलाना फलाना, धमाका, यह हमारा अधिकार है,हम दबे हैं हमें बहिष्कृत किया जाता है । क्यों किया जाता है। देवियों के उदाहरण देती हैं। लज्जा को अब सम्भवतः यह भूल ही गई हैं। ऐसे ऐसे लेख लिखती हैं जिसे पढ़कर तो,,,,,,, और इन पोस्टों पर प्रतिक्रिया क्रिया की तो पूछो न। महिलाएं चाहे उस पोस्ट पर कम हों पर अधेड ठरकी युवाओं की ऐसी लाइन लगी रहती है। जैसे यह अधेड ही इनके पति हैं जो इनका दर्द समझते हैं तथा ठरकी युवा जैसे इनकी नन्द हों। और कुछ महिलाएँ ऐसे स्पीड से आती हैं कि पूरे पुरूष समाज में खलबली मच जाती है। और वह महिला उस महिला के लेख से भी बड़ी और गंदी प्रतिक्रिया देती है। जैसे ही वह प्रतिक्रिया ठरकियों को दिखती है बस वह महिला फेमस मित्र अनुरोधों की तो पूछो न। और पोस्ट करता महिला उनकी प्रतिक्रिया का जवाब पूर्णतया पति समझ कर दे देती हैं। रही बात यह लिखने की तो यह ये जानकर लिखती हैं। इस लेख को हम अंग्रेजी में न्यूड आर्टिकल भी कह सकते हैं। यह लेख यह मात्र प्रसिद्धि पाने के उद्देश्य से लिखी जाती हैं। अच्छी बात चाहे जितनी आप लिखो वह कोई नही पढेगा।
तरह तरह की फोटो डालेंगी। अब इनसे कोई पूछे कि क्या आपका जीवन बिना पुरूष के सम्भव है ? क्या आप पुरूष का मतलब जानती हो? क्या आप देवियों की बराबरी करोगी? क्या आप जानती हो आपको अछूत काहे कहा गया? जरा सा ज्वर आने पर तो नाटक बना लेती हो और तब कहती हो मुझे कार्य नही करने दिया जा रहा है!
आखिर कब तक यह नाटक करोगी? क्या लाभ है इससे?
यदि आप नंगापन ही उतारू हो तो निकाल फैंक दो साड़ी आपको कोई पहनाने नही आ रहा। पोछ दो यह सिंदूर क्योंकि यह तुम्हारे ऊपर शोभा नही देता।
तोड़ दो चूड़ियाँ। तोड़ दो यह सारे रिश्ते। और आजाद होकर नंगे के अपनी बेटी या जिसके साथ इच्छा हो घूमो कोई नही रोकेगा।
वह बच्चे जो कचडे में मिलते हैं वह तुम्हारे ही होते हैं। हमें सब पता है।
मैं एक बार फिर आपसे कहता हूँ कि एक बार मनन करके देखो क्या फायदा है ऐसे लेख से। कौन नही परिचय है इससे। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो सिर्फ व्यक्ति विशेष को ही बताइ जाती हैं। उदाहरण जैसे आपको टीवी हैंं और आप कैंसर डाक्टर से दवाई लेने जाएं तो क्या होगा।
जो कुछ भी हो आपकी इज्जत आपके हाथ।
आशुतोष मिश्र तीरथ
जनपद गोण्डा