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प्यार तुझ से करता हूँ /
पर ज़माने से डरता हूँ /
प्यार में कही मजहब न आ जाये /
तभी तो प्यार का इजहार करने से डरता हूँ /
पर कसम तेरी मैं प्यार बस तुझसे ही करता हूँ /१/
प्यार में न कोई छोटा, न बड़ा दिखता है /
इसमें तो न अमीरी और न गरीबी /
कुछ भी नहीं दीखता है /
बस दिलो दिमाग में प्यार का रंग ही चढ़ाता है /
बस मेरा दिल अब तेरे लिए ही धड़कता है /२/
प्यार करना कोई आसान नहीं /
प्यार को पाना भी बच्चो का खेल नहीं /
जिसे प्यार जीवन में नसीब होता है /
जीवन उसका काँटों और फूलो से भरा होता है /
क्योकि प्यार एक दम से अँधा होता है /३/
प्यार तो दो आत्मा का मिलान होता है /
इसमें दो जिस्म और एक आत्मा का वास होता है /
बड़े ही खुश नसीब होते है वो लोग /
जिनको जीवन में सच्चा प्यार मिलता है /
क्योकि प्यार तो प्यार ही होता है /4 /
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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