प्यार तो प्यार होता है 

0 0
Read Time2 Minute, 22 Second
sanjay
प्यार तुझ से करता हूँ /
पर ज़माने से डरता हूँ /
प्यार में कही मजहब न आ जाये /
तभी तो प्यार का इजहार करने से डरता हूँ /
पर कसम तेरी मैं प्यार बस तुझसे ही करता हूँ /१/
प्यार में न कोई छोटा, न बड़ा दिखता है /
इसमें तो न अमीरी और न गरीबी /
कुछ भी नहीं दीखता है /
बस दिलो दिमाग में प्यार का रंग ही चढ़ाता है /
बस मेरा दिल अब तेरे लिए ही धड़कता है /२/
प्यार करना कोई आसान नहीं /
प्यार को पाना भी बच्चो का खेल नहीं /
जिसे प्यार जीवन में नसीब होता है /
जीवन उसका काँटों और फूलो से भरा होता है /
क्योकि प्यार एक दम से अँधा होता है /३/
प्यार तो दो आत्मा का मिलान होता है /
इसमें दो जिस्म और एक आत्मा का वास होता है /
बड़े ही खुश नसीब होते है वो लोग /
जिनको जीवन में सच्चा प्यार मिलता है /
क्योकि प्यार तो प्यार ही होता है /4 /

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

स्वच्छता गीत 

Wed Jul 11 , 2018
सबसे सुंदर देश हमारा,विश्व को यह बतलाना है हाथ मिलाकर बढ़ो साथियों,भारत स्वच्छ बनाना है सोच बदलने देश बदलने एक मसीहा आया है छोड़ गंदगी शुचिता धारो,यह हमको समझाया है मातृभूमि को जन्नत करने,यह अभियान चलाना है हाथ मिलाकर … खुद समझो सबको समझाओ महत्ता कूड़ा दान की प्रबंधन से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।