महिला दिवस आते ही पुरुषों का घड़ियाली आंसू बहाना शुरू हो जाता है। कविता,लेख,कहानी आदि-आदि द्वारा स्त्रियों के लिए सम्मान की भावना अचानक तूफान बन कहाँ से टूट पड़ती है कि, नारी तुम देवी हो,तुम सृष्टि की रचयिता हो, तुम्हारे बगैर कुछ भी सम्भव नहीं है वगैरह-वगैरह…। समझ नहीं आता […]
आंदोलन
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अंतरराष्ट्रीय `मातृभाषा दिवस` के अवसर पर कोलकाता में जुटे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की यह सम्मिलित आवाज थी-‘हिन्दी बचाओ मंच’ की ओर से ऐतिहासिक कॉलेज स्क्वायर स्थित विद्यासागर पार्क के मुख्य द्वार पर। कलकत्ता विश्वविद्यालय के सामने भोजपुरी और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग और मनोज तिवारी सहित कुछ […]