‘माँ हिंदी’ संजीव कुमार गंगवार जी द्वारा लिखित एक अमर ग्रंथ है | राजभाषा/राष्ट्रभाषा हिंदी को समर्पित यह ग्रंथ हिन्दी साहित्य की जानकारियों को अपने आप में प्रत्येक कालखंड सहित समेटे हुए है, जिससे शोधकर्ताओं को अत्यधिक पसंद आयेगा ग्रंथ – माँ हिंदी | 280 पृष्ठों में लिखित यह दस्तावेज […]

साहित्यकार ज्योति जैन की ‘जीवन दृष्टी ‘ साहित्य की एक ऐसी खत्म होने की कगार पर खड़ी  ललित निबंध विधा को नई ऊर्जा प्रदान करती है | विभिन्न विषयों चिंतन,विचार और रचनाशील भावों को जमीनी स्तर पर तलाश कर उनमे गहराई से दृष्टि डालकर ‘जीवन दृष्टी ‘ अंक संजोया है | […]

पुस्तक समीक्षा……… कविता अपने ख़्यालात, अपने जज़्बात को पेश करने का एक बेहद ख़ूबसूरत ज़रिया है. प्राचीनकाल में कविता में छंद और अलंकारों को बहुत ज़रूरी माना जाता था, लेकिन आधुनिक काल में कविताएं छंद और अलंकारों से आज़ाद हो गईं. कविताओं में छंदों और अलंकारों की अनिवार्यता ख़त्म हो गई और नई कविता का दौर शुरू हुआ. दरअसल, […]

निर्भया : कविता संग्रह लेखक : सुरेश सौरभ प्रकाशक : नमन प्रकाशन, लखनऊ मूल्य : 50 आवरण : पेपरबैक ‘निर्भया’ पुस्तक का नाम है या नाम है आक्रोश का? सामने टेबल पर रखी इस पुस्तक को पिछले कई हफ्तों से देख रही हूँ। कई बार पढ़ने को हाथ में लिया, […]

#साझा_संग्रह~ काव्य मञ्जरी #सम्पादक~#सुरेश_सौरभ #प्रकाशक~#नमन_प्रकाशन,लखनऊ #समीक्षक~#संदीप_सरस(9450382515) लखीमपुर जनपद के चर्चित साहित्यकार सुरेश सौरभ के समर्थ सम्पादन में एक बार फिर लगभग साठ रचनाकारों की रचनाओं का संकलन काव्य मञ्जरी के रूप में प्रकाशित होकर पाठको के सम्मुख है। सबसे बड़ी बात यह है संकलन में उन्होंने जहां एक ओर वरिष्ठ […]

पुस्तक समीक्षा: गहरे भावों की कविताएं हैं मृदुला की डाक्टर मृदुला शुक्ला की कविताएं सहजता से पाठकों के हृदय की बात करती प्रतीत होती हैं। ‘शतदल’ शीघ्र प्रकाशित होकर आया उनका यह संग्रह हिंदी काव्य जगत में अपनी गहरी पहचान बना रहा है। इससे पहले मृदुला के दो काव्य संग्रह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।