इंदौर। हिन्दी पत्रकारिता से हिन्दी भाषा की क्या अपेक्षाएँ हैं? इस तथ्य को इन्दौर के लेखक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने अपनी पुस्तक ‘पत्रकारिता एवं अपेक्षाएँ’ में लिखा, जिसका विमोचन मध्य प्रदेश शासन में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने किया। इस पुस्तक को संस्मय प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। सुश्री […]

अगर एक बार तुम आ जाते, ये आंसू आंखो से रुक जाते। लगा लेते तुम मुझको सीने से, सारे मन के मैल धुल जाते।। विरह वेदना मे मै जलती हूं, बिन अग्नि के मै जलती हूं। अगर एक बार तुम आ जाते, दिल के सारे शोले बुझ जाते।। तड़फ रही […]

दिलासा नहींभरोसा चाहती हूंभाषा हिंदी हूं जुलूस नहींसाथ हो बस सच्चाये चाहती हूं विरोध नहींकिसी से मेरा कहींप्यारी हिंदी हूं बसी दिलों मेंसबकी जुबान पेसजी हिंदी हूं हर भाषा कोप्यार से अपनातीमीठी हिंदी हूं मीरा की तानग़ालिब की ग़ज़लसबमें मैं हूँ क ख ग घ ङमुझसे ना ले पंगाशक्तिशाली हूं […]

ग़ज़ल में ग़मों के तराने लिखे कई दर्द अपने पुराने लिखे।। हमीं ने लिखी वक्त की बेरुख़ी हमी ने बदलते ज़माने लिखे।। जहां ज़िन्दगी ने अंधेरे दिए क़लम ने उजाले सुहाने लिखे।। मुझे प्यार में तूने धोखा दिया तिरे बख्शे ग़म के फसाने लिखे।। हक़ीक़त में हो ख़्वाब पूरे ये […]

रोक दो मेरे जनाजे को, मुझ में जान आ रही है। आगे से जरा राइट ले लो दारू की दुकान आ रही है।। बोतले छिपा दो मेरे कफ़न मे, श्मशान में रोज पिया करूंगा। जब मांगेगा हिसाब ख़ुदा मेरे से, उसको भी दो पेग दिया करूंगा।। ले लो जब शराब […]

एक तड़फ सी उठ रही है, कुछ छूटा सा लगता है, बेचैन कर देने वाली टीस, हृदय को झकझोर रही है। पता नहीं आज मन बहुत उदास है।। बीते लम्हे पल -पल जीवंत हो, नयन कपाटों के समक्ष नृत्य करते से, अतीत में डूबे धुँधले प्रकाश बिम्ब ,हो मुखर, आज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।