हिरोशिमा

0 0
Read Time1 Minute, 25 Second

हीरोशिमा नगरी में एक दिन,
हुआ तेज धमाका था।
सुन आवाज धमाके की,
कलेजा मानव का कांपा था।

देख तबाही का मंजर,
मानवता घबराई थी।
ना जाने किस करनी की,
निर्दोषों ने सजा पाई थी।

चिथड़े चिथड़े हुए नर नारी,
बच्चों की लाशों की ढेरी थी।
घर बंगले सब खाक हुए,
ये आफत बड़ी घनेरी थी।

नफरत की भीषण ज्वाला में,
हिरोशमा फिर धधक उठा।
अमेरिका के घिनौने कृत्य पर,
जग सारा फिर भड़क उठा।

लाखों निर्दोषों ने तब से,
अब तक जान गंवाई है।
कैंसर और अपंगता सी,
बीमारियां जन्म से पाईं हैं।

मानव है मानव का दुश्मन,
ये मानव ने दिखलाया था।
है कितना घातक मानव,
ये करके दिखलाया था।

युध्द से हल ना निकले कोई,
बात है ये बिल्कुल पक्की है।
बर्बादी का माई बाप है युद्ध,
इतिहास की गवाही सच्ची है।

हुई भूल जो अब तक हमसे,
आगे कभी ना करनी है।
हर मुश्किल का हल है चर्चा,
जो सदा शान्ति से करनी है।

स्वरचित
सपना (सo अo)
प्राoविo-उजीतीपुर
विoखo-भाग्यनगर
जनपद- औरैया

matruadmin

Next Post

नीरज

Sun Aug 8 , 2021
नमन तुझे है नीरज, नमन तेरी लगन को। चूम लिया आज तूने, ऊँचे उस गगन को। देखा था तूने सपना जो, वो पूरा कर दिखाया। सारे जग में अपना तूने, परचम आज लहराया। दिला के सोना देश को, इतिहास रच दिया। माँ भारती के लाल तूने, कमाल कर दिया। गदगद […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।