दादा आवजो रे म्हारा रावला में

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भैया आवजो रे म्हारा रावला में ,
रावला में हो म्हारा रावला में ,
दादा आवजो रे म्हारा रावला में |
म्हारा रावला में स्वागत तमारो ,
तक तक जोवा तमारी बाट ,
मगरे चढ़ी के जोवा रस्तो।,
सूना लागे बजार और हाट ,
काकड़ पे जाई के गावे ,
तमारो भाणेज राग मल्हार ,
भैया आवजो रे म्हारा रावला में |
रावला में हो म्हारा रावला में ,
मिसरू की गादी बिछावा ,
आंगणा में बिछावा खाट,
मलमल का तकिया लगावा,
देखो राजा जैसा ठाट ,
अच्छा टेम पे थाल सजावा ,
मनावा अपन राखी को तेवार,
भैया आवजो रे म्हारा रावला में ,
रावला में हो म्हारा रावला में ,
दादा आवजो रे म्हारा रावला में |

#राजेश भंडारी “बाबू”

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

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