
ज़रा सी दोस्ती कर ले..,
ज़रा सा साथ निभाये।
थोडा तो साथ दे मेरा …,
फिर चाहे अजनबी बन जा।
मिलेंगे किसी मोड़ पर जिंदगी में,
तो उस वक्त पहचाने हमे लेना।
और अपनी दोस्ती को उस वक्त,
तुम दिल से जरूर निभा देना।।
वो वक़्त वो लम्हे,
कुछ अजीब होंगे।
दुनिया में हम शायद,
खुश नसीब होंगे।
जो दूर से भी आपको,
दिल से याद करते है।
क्या होता जब आप,
हमारे करीब होते।।
कुछ बातें हमसे सुना करो,
कुच बातें हमसे किया करो..।
मुझे दिल की बात बता डालो,
तुम होंठ ना अपने सिया करो..।
जो बात लबों तक ना आऐ,
वो आँखों से कह दिया करो..।
कुछ बातें कहना मुश्किल हैं,
तो तुम चहरे से पढ़ लिया करो..।।
जब तनहा तनहा होते हो तुम।
तब मुझे आवाज तुम दिया करो..।
मैं तेरी तन्हाई दूर कर दिया करूंगा।
बस दिल से हमे याद किया करो।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)