एक बस तेरी चाहत है

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krishna dangi
एक बस तुझे सोचता हूं,बस एक तेरी ही चाहत है,
तू जिंदगी बन जा,मेरी फिर तो बस राहत ही राहत है।
हर खुशी तेरे नाम कर दूंगा,तुझपे आया हर गम मुझे दे दे,
जिदंगी सवर जाएगी मेरी,तू मेरी है इतना बस कह दे।
हर सांस पे लिख दिया तेरा नाम, तू ही दिल की धड़कन है,
एक बार गले लगाकर कह दे,तू ही मौसिकी,तू ही आशिकी है।
जब भी कोई हाल पूछे,तो मेरे लफ्जों पर तेरा नाम आता है,
मेरे सपनों की रानी है तू,दिन में भी बस तेरा ख्वाब आता है।
दुनिया का हर सितम सह लूंगा,जन्मों से तुझसे मेरा नाता है,
तेरे खयालों से पेट भरता हूं,और खाने में कुछ नहीं भाता है।
एक बार हंस के गले लगा ले मुझे,बस यही मेरी शिद्दत है,
कायनात चीख-चीखकर रही है,तू ही जिदंगी की हकीकत है।
न ही तुझसे सोना-चांदी मांगे हैं, न ही कोई उपहार मांगा है,
जिदंगी कर दी है तेरे नाम,बदले में बस तेरा प्यार मांगा है।
अगर तू जो मिल जाए,तो मेरी हर बेकरारी में करार आ जाए,
जो मांगी है तेरे नाम की खुदा से,वो हर दुआ काम आ जाए।
यह प्रेमरोग आज का नहीं है,यह तो सदियों पुराना नाता है,
यही गुजारिश  है बस इतना बता दे,ये रिश्ता क्या कहलाता है।
आज मैं इस खुले आसमां के सामने,
तुझसे यह इज़हार करता हूं,
सदियों से तेरा दिवाना हूं,मैं तो बस तुझसे ही प्यार करता हूं॥
                                                                           #कृष्णा एम.दांगी
परिचय :  कृष्णा एम.दांगी की जन्मतिथि १ दिसम्बर १९९९ है। आपका स्थाई निवास ग्राम सोनकच्छ (तह. नरसिंहगढ़)जिला राजगढ़ है। वर्तमान में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में खातीवाला टैंक में रह रहे हैं। काव्य के शौकीन कृष्णा एम.दांगी फिलहाल सरकारी महाविद्यालय में बी.एस-सी. में अध्ययनरत हैं।

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