अमन के रिश्ते को छल डाला

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sandeep sahu

है नापाक  इरादे  तेरे,
                    यह करतूत तुम्हारी काली है,
हो नाजायज औलाद बगल की,
                        हरकत नामर्दों वाली है।
हिम्मत न थी लड़ पाने की,
                        काम घिनौना कर डाला,
सुना फरमान फांसी का बेटे को,
                        अमन के रिश्ते को छल डालाl
बिना कोर्ट और बिना पैरवी,
                         इसे निर्णय तू अपना बतलाता है,
कुत्तों की पूँछ नहीं हुई सीधी,
                           इतिहास तेरा यह दिखलाता है।
कहे `संदीप` आज इन,
                           गीदड़ों की औलादों से,
सेनापति बाजवा से और,
                          पाकिस्तानी आकाओं  सेl
तेरा अंजाम शीघ्र ही,
                         तुमको हम बतला देंगे,
बस इंतजार करो थोड़ा,
                         पूरा पाक कब्रिस्तान बना देंगे।
रुख बदलेगी सेना जिस दिन,
                          आवाज़ उठेगी झांसी में,
पूरा पाक हमारा होगा,
                           तिरंगा फहराएगा कराची में।
                                                                            #सन्दीप साहू ‘प्रोफेसर’
परिचय: सन्दीप साहू ‘प्रोफेसर’  उन्नाव(उत्तरप्रदेश) में रहते हैं और  इंटर कॉलेज में बतौर गणित अध्यापक कार्यरत हैंl  आपका जन्म १९९३ में हुआ हैl शिक्षा एमए तक हासिल की हैl 

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