मोदी भक्त की वेदना

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suresh mishr
छिन्न-भिन्न कर दीजिए,उनके सारे अंग,
जो सैनिक को पीट कर,दिखा रहे थे रंग।।

फारुख अब्दुल्ला कहे,’राइट’ पत्थरबाज,
सेना को ही सौंप दो,खल का करे इलाज।।

मणिशंकर चिल्ला रहा,जैसे ऊदबिलाव,
इसे जीप पर बाँधकर,इक-दो गली घुमाव।।

बेशर्मी की हद करे,सुश्री शबनम लोन,
कोई मुझको दीजिए,इस हरहठ का फोन।।

महबूबा के मोह को,छोड़ दीजिए यार,
पत्ती-डाली छोड़कर,जड़ में करो प्रहार।।

मोदी जी इस तरह की,मत पहुँचाओ पीर,
ऐसे में तो आ चुका,’पीओके-कश्मीर’।।

पूरे हिंदुस्तान ने,दिया तुम्हें जो मान,
मोदी साहेब मत करो,जज्बे का अपमान।।

काश्मीर धूँ-धूँ जले,सुलग रहा बंगाल,
इस चुप्पी पर हे नमो,डूब मरो तत्काल।।

बम किस खातिर बने हैं,क्यों लाए हथियार,
‘तोप-मिसाइल’ शस्त्र का,डालो चलो अचार।।

भूल गए हम सर्जिकल,भूला सारा प्यार,
या तो गद्दी छोड़ दो,या अब करो प्रहार।।

                                                                                  #सुरेश मिश्र

परिचय : सुरेश मिश्र मुम्बई में रहते हैं। आप वर्तमान में हास्य कवि के रुप में कई मंचों से काव्य पाठ करने के अनुभवी हैं। कवि सम्मेलनों में मंच संचालन भी करते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।